दुःख की धाराओं में खुशियों की बूँदें ढूंढ ले थाम ले ख़ुशी का आँचल और इन दुखों से आज जूझ ले किसने कहा की ज़िन्दगी सिर्फ हसने का नाम है दुखों में हँसना-हँसाना भी तेरा एक काम है जब मार सहेगा दुखों की हंसके तो ख़ुशी भी तरस खाएगी बिन मांगे , बिन प्रयास के झूम कर तेरी ओर आएगी हे पथिक ! तू न रुक, तू न थम ! बस इस नदी में बहते बहते इतना मात्र सीख ले दुःख की धाराओं में खुशियों की बूँदें ढूंढ ले थाम ले ख़ुशी का आँचल और इन दुखों से आज जूझ ले