Skip to main content

Posts

Showing posts from February, 2014

यादों में

रात के खामोश अंधेरों में भी, सितारों से रौशन आसमान हुआ करते थे.…  भीड़ों कि भाग दौड़ के बीच खड़े, फूलों से सजे गुलिस्तां हुआ करते थे…  धड़कनो के बीच छुपे सन्नाटे को, सुनकर समझने वाले मेज़बान हुआ कर थे…  कभी सच्चाई तो कभी पागलपन से, मन को बहलाने वाले कुछ दोस्त हुआ करते थे…