ये कहाँ आ गए हम? August 21, 2012 आगे बढ़ते बढ़ते , कुछ पीछे छोड़ आये, ये कहाँ आ गए हम? पन्नों को पलटते, जो कहानी भूल आए, ये कहाँ आ गए हम? रास्तों से लड़ते, जो मंजिल खो आए, ये कहाँ आ गए हम? दूसरों से मिलते हुए, खुद का हाथ छोड़ आये. ये कहाँ आ गए हम? Read more