जब छूट जायेंगे पीछे ये पल सुकून के.
तब मन में यही सवाल आएगा-
क्या भूलें ,क्या याद करें ?
भूल जाएँ अपने घर को छोड़ना एक नयी मंजिल के लिए,
या याद करें नए दोस्तों बनाने का वो फ़साना सुहाना...
तब मन में यही सवाल आएगा-
क्या भूलें ,क्या याद करें ?
भूल जाएँ अपने घर को छोड़ना एक नयी मंजिल के लिए,
या याद करें नए दोस्तों बनाने का वो फ़साना सुहाना...
भूल जाएँ exams में कम marks लाके मायूस होना,
या याद करें उस ग़म को दोस्तों के साथ हंसी में डुबाना...
या याद करें उस ग़म को दोस्तों के साथ हंसी में डुबाना...
भूल जाएँ कि दोस्त एक मर्तबा birthday का cake भूल गए थे,
या याद करें उनका अपने हाथों से ice cream का cake बनाना...
या याद करें उनका अपने हाथों से ice cream का cake बनाना...
भूल जाएँ वो classes जो सुबह देर से जागने पर छूट गयीं,
या याद करें वो पिछली रात हुई फ़िज़ूल की बातें जिनसे चेहरे पर हंसी फूट गयी थी...
या याद करें वो पिछली रात हुई फ़िज़ूल की बातें जिनसे चेहरे पर हंसी फूट गयी थी...
भूल जायेंगे कभी जब खुद को,
याद आयेंगी जब इस पल अनजाने में की गयी कुछ बातें,
भूल जायेंगे वो ग़म में की हुई फरियादें,
जब याद करेंगे college की ये भूली बिसरी यादें...
याद आयेंगी जब इस पल अनजाने में की गयी कुछ बातें,
भूल जायेंगे वो ग़म में की हुई फरियादें,
जब याद करेंगे college की ये भूली बिसरी यादें...
*** This Post is dedicated to all my college friends and to the masti we did in these 3 years together, which we will surely miss later. Cheers to all ! ****
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